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मुझे नहीं लगता की इसका महत्व ही नही है आज सरकार स्कूलों में खाने का प्रबंध कर रही है उन्हे शिक्षा का अधिकार दे चुकी है लेकिन क्या ये ही तत्व किसी बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरुरी है? मेरे विचार से नहीं .छात्रों को शरीर के अंगों का ज्ञान, उनकी रचना और कार्यों का बोध कराने के लिए शारीरिक शिक्षा महत्वपूर्ण है| शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विभिन्न प्रकार के खेल है- जैसे बालीबाल, फुटबाल, हाकी, बास्केटबॉल, टेबिल टेनिस, लान टेनिस, कबड्डी, खो-खो, बेडमिन्टन, क्रिकेट, कैरमबोर्ड, चेस आदि
प्रत्येक स्कूल में एक शारीरिक शिक्षक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पढ़ाने वाला शिक्षक
शारीरिक शिक्षक से बालक का मानसिक विकास तो होता ही है साथ ही शारीरिक विकास भी सही गति से होता है बच्चो को शिक्षा के साथ में खेलकूद में भाग लेना चाहिए जिससे उनके अन्दर खेल के प्रति पूरा सम्मान उत्पन्न हो परन्तु ऐसा तभी संभव है जब विद्यालयों में एक शारीरिक शिक्षक नियुक्त हो .
परन्तु ऐसा असंभव है क्योकि ncert ने शारीरिक शिक्षा का कोर्स कर रहे बच्चो का अध्यापक भर्तियो में आवेदन पर रोक लगा दी है जिससे वे uptet ,ctet और अध्यापक भर्तियो के लिए मान्य नहीं है शारीरिक शिक्षा का कोर्स ncert द्वारा ही मान्यता प्राप्त है
उत्तर प्रदेश में BPeD धारक धरना प्रदर्शन कर रहे है क्योकि वे uptet में और ctet में वे आवेदन नहीं कर सके
आप ही बताये क्या जो इन कोर्सो को किये हुए है उनका क्या होगा इनकी संख्या एक लाख से भी ज्यादा है
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